संबंधबोधक
मेरे घर के आगे स्कूल है |
दर्द के मारे रोगी रात - भर सो न सका |
इन वाक्यों में के आगे, के मारे क्रमशः 'घर' , दर्द शब्दों का संबंध पूरे वाक्यों से जोड़ रहे हैं, अतः यहाँ ये संबंधबोधक हैं |
संबंधबोधक की परिभाषा :- जो अव्यय शब्द संज्ञा अथवा सर्वनाम के साथ आकर उनका संबंध वाक्य के दूसरे शब्दों के साथ बताते हैं, उन्हें संबंधबोधक अव्यय कहते हैं |
कुछ संबंधबोधक के उदाहरण साथ ही उनके इंग्लिश में अर्थ -
के ऊपर
पीछे
के लिए
सामने
के चारों तरफ़
के भीतर
के बिना
संबंधबोधक के भेद
संबंधबोधक के दो भेद होते हैं :-
- प्रयोग के आधार पर
- अर्थ के आधार पर
1. प्रयोग के आधार पर - संबंधबोधक तीन प्रकार से प्रयोग में लाए जाते हैं -
- विभक्ति सहित
- विभक्ति रहित
- मिश्रित रूप
विभक्ति सहित -
उदाहरण :-
पर्वत के आगे एक सुंदर झील है |
धन के बिना कोई नहीं पूछता |
ऊपर दिए गए वाक्यों में 'के आगे' तथा 'के बिना' विभक्ति सहित संबंधबोधक शब्द है |
परिभाषा :- संज्ञा शब्दों को विभक्ति के बाद आने वाले संबंधबोधक शब्द विभक्ति सहित संबंधबोधक कहलाते हैं | जैसे - के पीछे, के बिना, के अंदर, के आगे, के बीच
विभक्ति रहित
उदाहरण :-
पीठ पीछे बुराई मत करो |
रोहन घंटों तक रोता रहा |
ऊपर दिए गए वाक्यों में 'पीछे' तथा 'तक' विभक्ति रहित संबंधबोधक शब्द है |
परिभाषा :- संज्ञा के पीछे बिना विभक्ति के आने वाले संबंधबोधक शब्द विभक्ति रहित संबंधबोधक शब्द कहलाते है | जैसे - तक, पीछे, बिना, के यहाँ
मिश्रित रूप
उदाहरण :-
नरेंद्र ने तार द्वारा पिताजी की बीमारी की सूचना दी |
नरेंद्र ने तार के द्वारा पिताजी की बीमारी की सूचना दी |
संबंधबोधक का प्रयोग उक्त दोनों ही रूपों में होना मिश्रित रूप कहलाता है |
2. अर्थ के आधार पर - संबंधबोधक के निम्नलिखित भेद दिए जा सकते हैं :-
कालवाचक - के पहले, के बाद में, के पूर्व, के उपरांत, के पश्चात
स्थानवाचक - के ऊपर, के नीचे, के आगे, के पीछे, के बाहर, के भीतर, के पास
समानतावाचक - के समान, की तरह, के बराबर, की भाँति
दिशावाचक - के आस - पास, के आर - पार, की तरफ़, के चारों और
विनिमयवाचक - के बदले, के स्थान पर
विरोधवाचक - के विपरीत, के प्रतिकूल
साधनवाचक - के द्वारा, के हाथों
कारणसूचक - के कारण, के मारे
संग्रहवाचक - भर, तक, पर्यन्त
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