कारक :
रमा ने गुड़िया खरीदी |
आज राधिका अपनी कार से स्कूल आयी थी |
चिड़ियाँ घोंसले में हैं |
रमेश को पुस्तक दो |
हैं प्रभु ! मेरी रक्षा करो |
ऊपर लिखे वाक्यों में ने, से, में, को, हैं प्रभु ये सभी चिह्नों वाक्य में आए संज्ञा शब्दों की क्रिया करने की भूमिका को दर्शाते हैं | व्याकरण में हम इन्हें विभक्ति या परसर्ग कहते हैं | वस्तुतः इन चिह्नों के प्रयोग से ही संज्ञा या सर्वनाम का वाक्यों के अन्य पदों से संबंध निश्चत होता है |
कारक का अर्थ :- क्रिया को करने वाला | कारक संज्ञा अथवा सर्वनाम को क्रिया के साथ जोड़ते हैं |
कारक की परिभाषा :- संज्ञा अथवा सर्वनाम के जिस रूप द्वारा उसका संबंध वाक्य के दूसरे शब्दों से विशेषतः क्रिया के साथ जाना जाता है, उसे कारक कहते हैं |
कारक के भेद :- कारक के मुख्य रूप से आठ भेद बताए गए हैं :-
- कर्ता कारक
- कर्म कारक
- करण कारक
- संप्रदान कारक
- अपादान कारक
- संबंध कारक
- अधिकरण कारक
- संबोधन कारक
हिंदी के कारक (विभक्ति चिह्न )
कारक विभक्ति चिह्न कार्य विशेष
कर्ता ने क्रिया/ काम करने वाला
कर्म को जिस पर क्रिया का फल पड़े
करण से, के द्वारा वह साधन जिससे क्रिया हो
संप्रदान को, के लिए जिसके लिए काम हो
अपादान से (अलग) जिससे पृथकता या अलग होने का बोध हो
संबंध का, के, की ; रा, रे, री; ना, ने, नी वाक्य के अन्य पदों से संबंध बताने वाला
अधिकरण में, पर वह स्थान जहाँ क्रिया हो
संबोधन हे, अरे, ओ आदि जिसे संबोधित किया जाए
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