वतन की राह में वतन के नौजवाँ शहीद हो
वतन की राह में वतन के नौजवाँ शहीद हो ।
पुकारते हैं ये ज़मीन-ओ-आसमाँ शहीद हो ।
शहीद तेरी मौत ही तेरे वतन की जिंदगी,
तेरे लहू से जाग उठेगी इस चमन की ज़िंदगी,
खिलेंगे फूल उस जगह पे तू जहाँ शहीद हो,
वतन की राह में वतन के नौजवाँ शहीद हो ।
गुलाम उठ वतन के दुश्मनों से इंतक़ाम ले,
इन अपने दोनों बाज़ुओं से खंजरों का काम ले,
चमन के वास्ते चमन के बाग़बाँ शहीद हो,
वतन की राह में वतन के नौजवाँ शहीद हो ।
पहाड़ तक भी काँपने लगें तेरे जुनून से,
तू आसमाँ पे इन्क़लाब लिख दे अपने ख़ून से,
ज़मीं नहीं तेरा वतन है आसमाँ शहीद हो,
वतन की राह में वतन के नौजवाँ शहीद हो ।
वतन की लाज जिसको थी अज़ीज़ अपनी जान से,
वो नौजवान जा रहा है आज कितनी शान से,
इस एक जवाँ की खाक़ पर हर एक जवाँ शहीद हो,
वतन की राह में वतन के नौजवाँ शहीद हो ।
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